कृष्ण भी कई प्रकार के होते हैं – बरसाने में नागा बाबा की समाधि
वृन्दावन में एक महात्मा जी का निवास था लोग उन्हें नागा बाबा के नाम से जानते थे जो युगल स्वरुप की उपासना किया करते थे। एक बार वे महात्मा जी संध्या वन्दन के उपरान्त कुंजवन की राह पर जा रहे थे, मार्ग में महात्मा जी जब एक वटवृक्ष के नीचे होकर निकले तो उनकी जटा उस वट-वृक्ष की जटाओं में उलझ गईं, बहुत प्रयास किया सुलझाने का परन्तु जब जटा नहीं सुलझी तो महात्माजी आसन जमा कर बैठ गए, कि जिसने जटा उलझाई है वो सुलझाने आएगा तो ठीक है…
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